ध्वनि (Sound), हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, ये हमारे आसपास की दुनिया को महसूस करने और समझने में मदद करती है। यह ऊर्जा का एक रूप है, जो तरंगों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचरित होती है। चाहें वह पक्षियों की चहचहाहट हो, संगीत की मधुरता हो, या किसी प्रियजन की आवाज़, ध्वनि हमारे इंद्रियों को जागृत करती है और भावनाओं को जगाती है। ध्वनि का विज्ञान केवल सुनने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे की तरंगों और आवृत्तियों (Frequency) का अध्ययन हमें इसके गहराई तक ले जाता है।
Table of Contents
❖ ध्वनि (Sound) :-
• यांत्रिक तंरग या अनुदैर्ध्य तंरग हैं।
• यह प्रकाश की घटना भी दर्शाती हैं।
जैसे → परावर्तन, अपवर्तन, विवर्तन व व्यतिकरण
❖ ध्वनि परावर्तन पर आधारित :-
- SONAR
- Echo (प्रतिध्वनि)
- स्टेथोस्कोप
➤ SONAR (Sound Navigation And Ranging) :-
- ध्वनि तंरग हैं।
- उपयोग –
- पनडुब्बी में (नौ संचालकों द्वारा)
- समुंद्र/पानी में गतिशील वस्तु की दिशा, वेग, स्थिति बताती हैं।
- समुद्र की गहराई
➞ नोट :-
• फैदोमीटर – समुद्र की गहराई
➤ प्रतिध्वनि (Echo) :-
- टकराकर वापिस सुनाई देने वाली ध्वनि
- स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए न्यूनतम दूरी → 17.2 मीटर
❖ ध्वनि तरंग के प्रकार → आवृत्ति परास के आधार पर
अवश्रव्य तरंग :-
• आवृत्ति परास → O – 20 Hz
• कुत्ता, बिल्ली, हाथी, सांप, चूहें व ब्लूव्हेल सुन सकते है।
उदा.- भूकम्प तरंगे, हृदय की धड़कन
श्रव्य तंरग :-
• आवृत्ति परास →20Hz – 20,000Hz या 20KHz
• मनुष्य के लिए उपयुक्त श्रव्यावृत्ति
पराश्रव्य तंरग :-
• आवृत्ति परास → 20,000Hz से अधिक
• चमगादड़ व गाल्टन सीटी इन्हें उत्पन्न कर सकते हैं।
➤ पराश्रव्य तंरगों के उपयोग :-
- गठिया रोग के उपचार में
- अल्ट्रा सोनोग्राफी में
- SONAR में
- कीमती वस्त्रों की सफाई में
❖ ध्वनि के गुण :-
- तीव्रता/प्रबलता
- तारत्त्व
- गुणता
तीव्रता/प्रबलता :-
• ध्वनि की माप का वह गुण जिससे ध्वनि के तेज या धीमी होने का पता चलता है।
• निर्भर→आयाम पर
• मात्रक → डेसीबल (dB)
➞ नोट :-
मानव के कानों के लिए उपयुक्त ध्वनि तीव्रता → 30 – 60dB
ध्वनि/शोर प्रदूषण वाली ध्वनि तीव्रता → 80कठ से ऊपर
❖ तारत्त्व (Pitch):-
- ध्वनि की माप का वह गुण जिससे ध्वनि के तीखे व मोटे होने का पता चलता है।
- निर्भर → आवृत्ति पर (तारत्त्व α आवृत्ति)
- उदा.-
- महिला, बच्चे की ध्वनि का तारत्त्व > पुरुष की ध्वनि
- मच्छर की भिनभिनाहट का तारत्त्व > शेर की दहाड़
❖ गुणता (Quality of Sound) :-
- समान तीव्रता व समान तारत्त्व की ध्वनि में अन्तर करना
- इसके द्वारा ध्वनि की पहचान की जाती हैं
- निर्भर → तंरग की आकृति पर
❖ ध्वनि का वेग/चाल :-
- सर्वप्रथम ज्ञात किया → न्यूटन ने
- माध्यम में ध्वनि की चाल
- ठोस > द्रव > गैस
- निर्वात् में ध्वनि की चाल → शून्य
- वायु में ध्वनि की चाल → 332 m/sec
➤ ठोस :-
• एल्युमिनियम (Al) → 6420 m/sec
• निकिल (Ni) → 6040 m/sec
• इस्पात/स्टील → 5960 m/sec
• लौहा → 5950 m/sec
➤ द्रव :-
• समुंद्री जल → 1531 m/sec
• आसुत जल → 1498 m/sec
➤ गैस :-
• हाइड्रोजन गैस (Hz) → 1284 m/sec
• हीलियम (He) → 936 m/sec
• ऑक्सीजन (O2) → 316 m/sec
➤ ध्वनि की चाल पर माध्यम का प्रभाव :-
- ताप का प्रभाव :-
• ताप बढ़ने पर ध्वनि की चाल बढ़ती हैं।
• 10C ताप बढ़ने पर ध्वनि की चाल 0.61 m/sec बढ़ती हैं। - दाब का प्रभाव :-
• दाब का ध्वनि की चाल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं। - आर्द्रता/नमी का प्रभाव :-
• आर्द्रता बढ़ने पर ध्वनि की चाल बढ़ती हैं। - घनत्त्व का प्रभाव :-
• घनत्त्व बढ़ने पर ध्वनि की चाल घटती हैं।
❖ अनुरणन (Reverberation) :-
- किसी हॉल का Sound बंद कर देने के बाद भी ध्वनि का सुनाई देना।
- सिद्धांत → ध्वनि परावर्तन
- कारण → बहुल परावर्तन
- बचने हेतु → ध्वनि अवशोषक यंत्र (फाइबर व पर्दे)
➞ नोट :-
• अनुरणन से बचने हेतु सम्मेलन कक्षों की छते वृकाकार बनायी जाती हैं।
• अनुरणन काल 0.8 sec. से ज्यादा होने पर ध्वनि स्त्रोता तक नहीं पहुँचेगी।
❖ डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) :-
- ध्वनि के उतार-चढ़ाव को डॉप्लर प्रभाव कहते हैं।
➞ नोट :-
• सेना की पैदल टुकड़ी को पूल पार करते समय कदमताल तुड़वाई जाती हैं – अनुनाद के कारण
• वायुयान की चाल को मैक नम्बर में मापते हैं।
• जहाज की चाल को नॉट में मापते हैं।