महाजनपद एवं भारत के प्रमुख संत

✤ महाजनपद :-

सबसे शक्तिशाली व बड़ा महाजनपद – मगध
दक्षिणी भारत का एकमात्र महाजनपद – अशम्क
दिल्ली का प्राचीन नाम – इंद्रप्रस्थ

महाजनपदराजधानी
अंगचम्पा
मगधराजगृह
काशीवाराणसी
वत्सकोशाम्बी
वज्जीवैशाली
कौशलश्रावस्ती
अवन्तिउज्जैन
मल्लकुशावती
पंचालअहिच्छत्र
चैदीशक्तिमति
कुरूइंद्रप्रस्थ
मत्स्यविराटनगर
कंबोजहाटक
शुरसेनमथुरा
अशम्कपेतन
गंधारतक्षशिला

✤ मगध साम्राज्य :-

✦ हर्यक वंश :-

संस्थापक – राजा बिम्बिसार
➥ प्रथम शासक जिसने सुदृढ़ शासन व्यवस्था शुरू की।
शासक – अजातशत्रु (कुणिक)
उदायन – इसने पाटलिपुत्र नगर बसाकर इसे राजधानी बनाई। इसकी हत्या शिशुनाग ने की।

✦ शिशुनाग वंश :-

संस्थापक – राजा शिशुनाग
शासक – कालाशोक
अंतिम शासक – नंदीवर्धन।

✦ नंद वंश :-

संस्थापक – महापदमनंद
➥ 322 ई. में नंदवंश के अंतिम शासक घनानंद की हत्या चन्द्रगुप्त मौर्य के द्वारा की गई तथा मौर्य वंश की स्थापना की गई।

✤ सूफी और भक्ति आंदोलन :-

✦ आदि शंकराचार्य :-

➥ ये महायान बौद्ध धर्म से प्रभावित थे। इसलिए इन्हें ‘प्रछन्न बुद्ध’ कहा जाता है। इन्होंने भारत के चार प्रमुख मठों की स्थापना की।
1. बद्रीनाथ (उत्तराखण्ड) – ज्योर्तिमठ
2. द्वारिका (गुजरात) – शारदा मठ
3. जगनाथपुरी (उड़ीसा) – गोवर्धन मठ
4. कर्नाटक – श्रृंगेरी मठ

✦ रामानंद :-

➥ उत्तरी भारत में भक्ति का अलख जगाने वाले प्रथम संत थे।
➥ इनके प्रमुख 12 शिष्य थे जिनमें कबीर, रैदास, धन्ना जाट, पीपाजी आदि थे।
➥ रामानंद पहले लोक संत थे जिन्होंने हिन्दी के माध्यम से अपना उपदेश लोगों तक पहुँचाया।

✦ निम्बाकाचार्य :-

➥ इन्हें ‘सुदर्शन चक्र का अवतार’ मानते है। इसका जन्म तमिलनाडू में हुआ।

❖ निर्गुण संत :-

✦ दादुदयाल :-

➥ ये राजस्थान के कबीर थे।
बचपन का नाम – महाबली
➥ 52 शिश्य जिन्हें 52 स्तंभ कहा गया।

✦ रैदास :-

➥ कबीर ने इन्हें ‘संतो का संत’ कहा है। ये सभी संत निर्गुण संत थे।

❖ सगुण संत :-

✦ आचार्य तुलसीदास :-

➥ अकबर के समय इन्होंने 1575 ई. में अवधी भाशा में रामचरितमानस ग्रंथ लिखा।
अन्य ग्रंथ – विनयपत्रिका, कवितावली, गीतावली आदि।

✦ सूरदास :-

रचनाएँ – सूरसरावली, सूरसागर, साहित्यलहरी।

✦ नृसिंह मेहता :-

➥ गाँधीजी का प्रिय भजन ‘वेश्णों तेणे तो तेगो कहिये जे पिर पराई जाणे रे’ के रचियता।

✦ चैतन्य महाप्रभु/गौरांग महाप्रभु -पश्चिम बंगाल

✦ संत रामदास (महाराष्ट्र) :- शिवाजी के गुरू।

➥ नामदेव, ज्ञानदेव, एकनाथ, तूकाराम सभी महाराष्ट्र से थे।

❖ सूफी संत :-

✦ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती :-

➥ भारत में चिश्ती सम्प्रदाय के संस्थापक जो मोहम्मद गौरी के आक्रमण के समय भारत आया। इनकी दरगाह अजमेर (राजस्थान) में है। जो साम्प्रदायिक सम्प्रदाय सद्भाव की मिशाल है।
प्रमुख शिष्य – कुतुबुद्दीन बख्तीयार काकी, हमीदुद्दीन नागौरी
बख्तीयार काकी – इल्तुतमिश के समय भारत आया।

✦ शैख फरीरूद्दीन गंज :-

‘बाबा फकीर’ के नाम से प्रसिद्ध थे। इनके उपदेश गुरू ग्रंथ साहिब में शामिल है।
प्रमुख शिष्य – निजामुद्दीन ओलिया जिन्होंने दिल्ली के 7 सुल्तानों का कार्यकाल देखा।

✦ शैख सलीम चिश्ती :-

➥ अकबर के पुत्र सलीम / जहाँगीर का जन्म इनके आशीर्वाद से हुआ।

✦ बाहुद्दीन जकारिया :-

➥ सुहरावर्दी सम्प्रदाय के संस्थापक

✦ मोहम्मद घोश :-

➥ तानसेन का गुरू

Leave a Comment

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now