प्रकाश (Light) हमारे जीवन का एक अनमोल हिस्सा है, ये न केवल हमें दुनिया को देखने की क्षमता देता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, ऊर्जा और प्रकृति के संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक विधुत चुम्बकीय (Electromagnetic) तरंग है | प्रकाश के विज्ञान को प्रकाशिकी कहा जाता है, ये हमारे दैनिक जीवन से लेकर तकनीकी विकास तक हर जगह गहरा प्रभाव डालता है। इसकी विभिन्न विशेषताएं, जैसे परावर्तन, अपवर्तन और विभेदन, न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमुख हैं, बल्कि हमारे जीवन को भी आसान और बेहतर बनाते हैं।
❖ प्रकाश (Light) :-
यह एक विकिरण ऊर्जा है जो किसी वस्तु को दृश्यमान बनाती है।
विधुत चुम्बकीय तंरग हैं।
गति → सरल रेखीय
सबसे बड़ा प्राकृतिक स्त्रोत → सूर्य
चाल सर्वाधिक → निर्वात में (3 × 108 m/sec)
माध्यम में चाल → निर्वात > गैस > द्रव > ठोस
सर्वप्रथम चाल बताने वाला → रोमर
प्रकाश की द्वैत प्रकृत्ति → डी ब्रोग्ली ने बताई कण प्रकृति → न्यूटन ने बताई तंरग प्रकृति → हाइगेन ने बताई प्रकाश की प्रमुख घटनाएँ :-
❖ परावर्तन (Reflection) :-
प्रकाश की किरण का किसी अपारदर्शी सतह से टकराकर उसी माध्यम में लौटना यह हमेशा अपारदर्शी वस्तुओं में होता हैं।
उदाहरण :-
1. दीवार/बोर्ड पर लिखा हुआ दिखना
2. शुक्र ग्रह का चमकीला दिखना
3. दर्पण में प्रतिबिम्ब का दिखना
➞ नोट :-
तीनों दर्पण (समतल, ऊतल व अवतल) में परावर्तन हो सकता हैं।
➤ परावर्तन के नियम – 2
आपतित किरण, परावर्तित किरण व अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
आपतन कोण (∠i) का मान परावर्तन कोण (∠r) के बराबर होता हैं।
➞ नोट :-
परावर्तन के कारण प्रकाश के गुणों में आवृत्ति व तीव्रता में परिवर्तन नहीं होता हैं।
❖ अपवर्तन (Refraction) :-
जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तो वेग में परिवर्तन के कारण वह अपने पथ से विचलित हो जाती हैं।
उदाहरण :-
1. पानी में पेन, पेंसिल, चम्मच का टेढ़ा-मेढ़ा दिखना
2. पानी में सिक्का व मछली का तल से ऊपर उठा हुआ दिखना
3. पानी में नींबू का बड़ा दिखना
4. रात्रि में तारों का टिमटिमाना,
5. सूर्यादय व सूर्यास्त के समय सूर्य का बड़ा दिखना
6. सूर्योदय से पहले (2 मिनट) व सूर्यास्त के बाद (2 मिनट) तक सूर्य का दिखना
➤ अपवर्तन के नियम → 2 नियम
आपतित किरण, अपवर्तित किरण व अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
स्नेल का नियम → sin i /sin r = μ
➞ नोट :-
अपवर्तन के कारण प्रकाश गुणों में केवल आवृत्ति में परिवर्तन नहीं आता हैं।
❖ पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (TIR) :-
शर्त –
→ जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाये
→ आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो
उदाहरण :-
1. प्रकाशिक तंतु (ऑप्टिकल फाइबर) का चमकना
2. हीरे का चमकना
3. चटके कांच का चमकना
4. पानी में परखनली का चमकना
5. रेगिस्तान में मृग मरीचिका/मृग तृष्णा का बनना
6. सड़क मरीचिका (गर्मियों में सड़क पर पानी का भ्रम होना)
माध्यम | अपवर्तनांक | क्रांतिक कोण |
---|---|---|
पानी | 1.33 | 48° |
कांच | 1.51 | 42° |
हीरा | 2.42 | 24° |
❖ प्रकीर्णन (Dispersion) :-
श्वेत प्रकाश का वायुमण्डल में धूल के कणों से टकराकर अनेक रंगो में बंटने की घटना सी.वी.रमन को इस घटना के अध्ययन पर नोबल पुरस्कार मिला श्वेत प्रकाश (Sun Light) में सात रंग होते हैं।
V | I | B | G | Y | O | R |
---|---|---|---|---|---|---|
मैजेन्टा/बैंगनी | आसमानी | नीला | हरा | पीला | नारंगी | लाल |
तरंगदैर्ध्य का क्रम = V < I < B < G < Y < O < R
प्रकीर्णन का क्रम = V > I > B > G > Y > O > R
विशेषता | मान | |
---|---|---|
सर्वाधिक | न्यूनतम | |
तरंग दैर्ध्य | लाल | बैंगनी |
प्रकीर्णन | बैंगनी | लाल |
उदाहरण –
आकाश का रंग नीला दिखना
समुद्र के पानी का रंग नीला दिखना
सूर्योदय व सूर्यास्त के समय सूर्य का लाल दिखना
ग्रीन हाऊस प्रभाव का बनना
❖ वर्ण विक्षेपण (Dispersion of light by Prism):-
श्वेत प्रकाश का प्रिज्म से टकराकर सात रंगो में बंटने की घटना

सर्वाधिक विचलित रंग → बैंगनी सबसे कम विचलित रंग →लाल
उदाहरण :-
प्रिज्म में 2. इन्द्रधनुष में नोट :-
प्रकाश में सात रंगो की पूष्टि न्यूटन ने की थी।
प्रिज्म से प्रकाश गुजरने पर स्पेक्ट्रा का निर्माण होता हैं।
श्वेत प्रकाश का प्रिज्म से गुजरने पर मध्यमान रंग→पीला रंग
❖ इन्द्रधनुष (Rainbow) :-
वर्षा समाप्ति के तुरन्त बाद बनता है।
सूर्य के सामने/विपरीत बनता है।
रंग→सात (VIBGYOR)
घटना –
अपवर्तन
पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
वर्ण विक्षेपण
➤ इन्द्रधनुष के प्रकार – 2 प्रकार
विशेषता | प्राथमिक इन्द्रधनुष | द्वितीयक इन्द्रधनुष |
---|---|---|
अपवर्तन | 2 बार अपवर्तन | 2 बार अपवर्तन |
पूर्ण आन्तरिक परावर्तन | 1 बार पूर्ण आन्तरिक परावर्तन | 2 बार पूर्ण आन्तरिक परावर्तन |
ऊपर की और (सूर्य) रंग | लाल | बैंगनी |
नीचे की और (पृथ्वी) रंग | बैंगनी | लाल |
➞ नोट :-
प्राथमिक इन्द्रधनुष अधिक चमकीला होता है।
दोपहर 12 बजे इन्द्रधनुष दिखाई नहीं देता है।
❖ व्यतिकरण (Interference) :-
उदाहरण –
- साबुन के बुलबुले का चमकना
- पानी पर तेल/केरोसीन की परत का चमकना
❖ विवर्तन (Diffraction) :-
उदाहरण -परछाई का तीक्ष्ण न बनना
ध्वनि का एक कमरे से दूसरे कमरे में पहुँचना
CD का चमकना
➞ नोट :-
विवर्तन की घटना ध्वनि ज्यादा दर्शाती हैं।
❖ दर्पण एवं लैंस :-
➤ दर्पण (Mirror) –
सिद्धान्त→परावर्तन
पॉलिश→रेडपरोक्साइड/Al/Zns/Ag2s/Hg
➤ दर्पण के प्रकार→ 2
समतल दर्पण
गोलीय दर्पण
यह दो प्रकार के होते हैं –
ऊतल दर्पण (Convex mirror)
अवतल दर्पण (Concave mirror)
ऊतल दर्पण → अपसारी दर्पण (जो प्रकाश किरणों को फैलाता है।)
अवतल दर्पण→अभिसारी दर्पण (जो प्रकाश किरणों को सिकोड़ता है।)
विशेषता | समतल दर्पण | ऊतल दर्पण | अवतल दर्पण |
---|---|---|---|
फोकस दूरी (f) | अनन्त (∞) | धनात्मक (+) | ऋणात्मक (-) |
प्रतिबिंब | आभासी, सीधा और बराबर | आभासी, सीधा और छोटा |
– वास्तविक, उल्टा, बड़ा, बराबर या छोटा – आभासी, सीधा और बड़ा |
उपयोग |
1. घरों में चेहरा देखने में 2. पेरिस्कोप (परिदर्शी) में 3. केलिडोस्कोप (बहुरूप दर्शी) में | 1. गाड़ियों के पार्श्व दर्पण 2. परावर्तक उपकरण 3. रोड़ लाइटों में 4. ATM मशीन में | 1. (ENT) डॉक्टर द्वारा 2. दंत चिकित्सक द्वारा 3. हेडलाइट और सर्चलाइट में 4. सोलर कूकर में 5. टॉर्च/निप्पों में |
❖ लेंस :-
सिद्धांत → अपवर्तन
क्षमता का मात्रक →डायोप्टर (D)
विशेषता | ऊतल लेंस | अवतल लेंस |
---|---|---|
फोकस दूरी | धनात्मक (+) | ऋणात्मक (-) |
क्षमता | धनात्मक (+) | ऋणात्मक (-) |
अन्य नाम | अभिसारी लेंस | अपसारी लेंस |
प्रतिबिंब | अवतल दर्पण जैसा वास्तविक, उल्टा – बड़ा, बराबर, छोटा आभासी, सीधा और बड़ा | ऊतल दर्पण जैसा आभासी, सीधा और छोटा |
उपयोग | मानव आँख में माइक्रोस्कोप में टेलिस्कोप में एण्डोस्कोप में कागज जलाने वाला लेंस | गैलिलीयों अपवर्तक दूरदर्शी में (ऊतल और अवतल दोनों) |
➞ नोट :-
चम्मच का बाहरी सतह → ऊतल दर्पण जैसा व्यवहार करता है।
चम्मच की आन्तरिक सतह → अवतल दर्पण जैसा व्यवहार करता है।
हवा का बुलबुला पानी में → अवतल लेंस की भांति व्यवहार करता है।
या
पानी का बुलबुला हवा में → ऊतल लेंस की भांति व्यवहार करता है।
धूप के चश्मे की क्षमता → शून्य डायोप्टर
प्राथमिक रंग :-
लाल, नीला व हरा तीन प्राथमिक रंग हैं।
मिश्रण → लाल + नीला + हरा त्र श्वेत
उपयोग → रंगीन टी. वी. में
वर्णान्धता रोगी इनमें विभेद नहीं कर पाता हैं।

लाल + नीला + हरा → श्वेत
लाल + नीला → मैजेन्टा/बैंगनी
नीला + हरा → स्यान/पिकॉक ब्लू
लाल + हरा → पीला
पूरक रंग :-
लाल + स्यान → श्वेत
नीला + पीला → श्वेत
हरा + मैजेन्टा → श्वेत
महत्त्वपूर्ण तथ्य :-
प्रकाश की चाल, माध्यम के अपवर्तनांक पर निर्भर करती है।
प्रकाश की चाल (C) ∝ अपवर्तनांक (μ)
अपवर्तनांक ज्यादा → प्रकाश की चाल कम अपवर्तनांक कम → प्रकाश की चाल ज्यादा
माध्यम | अपवर्तनांक | प्रकाश की चाल |
---|---|---|
निर्वात | 1 | 3 × 108 m/sec |
वायु | 1.003 | 2.986 × 108 m/sec |
पानी | 1.33 | 2.25 × 108 m/sec |
कांच | 1.51 | 2 × 108 m/sec |
हीरा | 2.42 | 1.24 × 108 m/sec |