मानव रोग (Diseases) हमारे शरीर में होने वाली विभिन्न समस्याओं और विकारों का परिणाम हैं, जो आंतरिक या बाहरी कारणों से उत्पन्न होते हैं। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, जीवनशैली, आहार की कमी या आनुवंशिक कारणों से हो सकते हैं। सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर हृदय रोग, मधुमेह (diabetes), और कैंसर (cancer) तक, मानव रोगों की एक विस्तृत श्रेणी है। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और समय पर चिकित्सा से इन रोगों को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। इस लेख में हम मानव रोगों की गहराई से जानकारी और उनके बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।
Table of Contents
❖ रोग :-
- किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक व सामाजिक कारकों का असंतुलन होना।
- विश्व स्वास्थ्य दिवस → 7 अप्रैल
- चिकित्सा विज्ञान का जनक → हिप्पोक्रेट्स
- शल्य चिकित्सा का जनक → शुश्रुत
- होम्योपेथिक का जनक → हनीमैन
➞ नोट :-
• रोगो का अध्ययन → पेथोलॉजी (Pathology)
• रोगों के कारणों का अध्ययन → इटियोलॉजी(Etiology)
• रोगकारक/रोगजनक (Pathogen) → जिसके कारण रोग होता हैं।
• वाहक/रोगवाहक → जिसके कारण रोग फैलता हैं।
रोग
जन्मजात रोग
↓
वे रोग जो जन्म से ही उत्पन्न होते हैं।
वंशानुगत रोग – पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाले रोग
आनुवांशिक रोग – माता-पिता से संतान में आने वाले रोग
उपार्जित/अर्जित रोग
↓
वे रोग जो जन्म के बाद सूक्ष्म जीवों व खान-पान से होते हैं।
❖ जन्मजात रोग
गुणसूत्रीय विकार (गुणसूत्र→ 46±)
↓
सिन्ड्रोम –
- क्लाइन-फेल्टर सिन्ड्रोम (Kline-Felter syndrome)
- टर्नर सिन्ड्रोम (Turner syndrome)
- पटायू सिन्ड्रोम (Patau syndrome)
- एडवर्ड सिन्ड्रोम (Edwards syndrome)
- डाऊन सिन्ड्रोम (Down syndrome)
- जैकब्स सिन्ड्रोम (Jacobs syndrome)
मेण्डेलियन विकार (गुणसूत्र→ 46)
- वर्णन्धता
- हीमोफीलिया
❖ उपार्जित/अर्जित रोग :-
➤ संक्रामक रोग :-
वे रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।
फैलने के माध्यम :-
• वायु द्वारा → टी.बी., खसरा, स्वाइन फ्लू, न्यूमोनिया, बर्ड फ्लू, सर्दी-जुकाम
• दूषित जल/भोजन से → हैजा, टायफाइड, पेचिश, पोलयों, पीलियाँ व हिपेटाइटिस- A व E
• छूने से → चेचक व कुष्ठ
• यौन संबंध से → AIDS (Acquired immunodeficiency syndrome) हिपेटाइटिस-B, गोनेरिया, सिफिलिस
➤ असंक्रामक रोग :-
वे रोग जो किसी भी माध्यम से नहीं फैलते हैं।
उदा.- पोषण विकार (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा व विटामिन)
• तत्व/प्रदूषण जनित रोग
• हॉर्मोन्स की कमी/अधिकता से
• कैंसर
• टिटनस
❖ सूक्ष्म जीवों से होने वाले रोग :-
- जीवाणु जनित
- वायरस जनित
- प्रोटोजोआ जनित
- कवक/फफूँद जनि
- कृमि जनित
➤ जीवाणु जनित रोग –
रोग | जीवाणु का नाम | प्रभावित अंग | जाँच / टीका / औषधि | अन्य नाम | वाहक/रोग वाहक |
---|---|---|---|---|---|
टाइफाइड | साल्मोनेला टाइफी | छोटी आंत | विडाल टेस्ट, TAB का टीका | मियादी बुखार, आंत्रिय बुखार, मोतीझरा, पानीझरा | घरेलू मक्खी |
टी.बी. | माइक्रोबेक्टिरियम ट्यूबर कूलोसिस | फेफड़ें | BCG का टीका, DOTS प्रणाली | तपेदिक, क्षय रोग | – |
हैजा | विब्रियों कॉलेरी | छोटी आंत | ORS का घोल, ACV का टीका | – | घरेलू मक्खी |
प्लेग | यारसीनिया पेस्टिज या पाश्चुरेला पेस्टिज | फेफड़ें | – | काली मौत | चूहा (पिस्सु) |
कोढ़ / कुष्ठ | माइक्रोबेक्टिरियम लैप्री | त्वचा व तंत्रिकाएँ | MDT प्रणाली | हेन्सन रोग | – |
न्यूमोनिया | स्ट्रेप्टोकोकस या डिप्लोकोकस न्यूमोनी | श्वसन तंत्र (फेफड़ें) | – | – | – |
डिप्थीरिया | कोरिनोबैक्टिरियम डिप्थेरी | मुख व गला | DPT का टीका | गलघोंटू | – |
पर्ट्यूसिस | हीमोफिल्स पर्ट्यूसिस | गला व श्वासनली | DPT का टीका | काली खांसी, कूकर खांसी, हूपिंग कफ, 100 day Cough | – |
टिटनस | क्लॉस्ट्रीडियम टिटेनी | पीठ व जबड़ें की मांसपेशी | DPT का टीका, ATS का इंजेक्शन, T. T. का इंजेक्शन | धनुषियाँ, लॉकजॉ | – |
➞ नोट :-
TAB → टायफाइड एंटी बैक्टिरिया
BCG → बैसिलस कॉल्मेट ग्यूरीन
DOTS → Direct Observation Treatment For Short Course
ORS → Oral Rehydration Solution
ACV → Anti Cholera Vaccine
MDT → Multi Drug Therapy
DPT→ डिप्थीरिया पर्ट्यूसिस टिटनस
ATS → एंटी टिटनस सीरम
➤ वायरस / विषाणु जनित रोग :-
रोग | वायरस का नाम | प्रभावित अंग | वाहक/रोग वाहक | अन्य नाम | जाँच/टीका/औषधि |
---|---|---|---|---|---|
एड्स | HIV वायरस | अस्थिमज्जा की T-लिम्फोसाइट कोशिका | – | – | ELISA टेस्ट, वेस्टर्न ब्लॉट जाँच, PCR तकनीकी |
डेंगू | आरबोफ्लेवी वायरस | यकृत व प्लीहा | मादा एडिज इजिप्टी मच्छर | हड्डी तोड़ बुखार | टॉर्निक्विट परीक्षण |
रेबिज | रेब्डो वायरस | मस्तिष्क (तंत्रिका तंत्र) | कुत्ता, बिल्ली, बंदर, लोमड़ी व सियार | हाइड्रोफोबिया, जलभित्ति, जलातंक | ARV का टीका |
चेचक | वेरिओला वायरस | सम्पूर्ण शरीर | – | बड़ी माता, शीतला | चेचक का टीका |
छोटी चेचक | वेरिसेला वायरस | सम्पूर्ण शरीर | – | छोटी माता Chicken Pox | चेचक का टीका |
मम्पस | पेरामिक्सो वायरस | पेरोटिड ग्रंथि | – | गलसुआ, कनफेड | MMR का टीका |
मीजल्स (खसरा) | पेरामिक्सो या मोर्बेली वायरस | सम्पूर्ण शरीर | – | 4th Day Fever | MMR का टीका खसरा का टीका |
निपाह एन्सिफेलाइट्स | निपाह वायरस | मस्तिष्क | चमगादड़ व बंदर | दिमागी बुखार | – |
जापानी एन्सिफेलाइट्स | फ्लेवी वायरस | मस्तिष्क | मादा क्यूलैक्स मच्छर | दिमागी बुखार | – |
पोलियो | पोलियो वायरस (एन्टेरो वायरस) | तंत्रिका तंत्र | – | – | पोलियो का टीका |
हिपेटाइटिस | हिपेटाइटिस वायरस (हिपेडिना वायरस) | यकृत | – | यकृत शोध | शैनबेक-B टीका |
सर्दी- जुकाम | राइनो वायरस | नाक | – | – | – |
SARS | SARS-Cov-1 | श्वसन तंत्र | चमगादड़ व बंदर | किलर निमोनिया, साइलेन्ट किलर | – |
COVID-19 | SARS-Cov-2 | श्वसन तंत्र | चमगादड़ | – | मोडर्ना, फाईजर, स्पुतनिक, कोविशिल्ड, कोवेक्सीन, जायकोव-D |
स्वाइन फ्लू | H1N1 वायरस | श्वसन तंत्र | सुअर | इन्फ्लुएंजा-A | – |
बर्ड फ्लू | एवियन वायरस (H5N1 व H9N2) | श्वसन तंत्र | मुर्गियाँ | एवियन फ्लू | – |
पीतज्वर | अल्फा वायरस | यकृत व वृक्क | मादा क्यूलैक्स मच्छर | यलो फीवर | पीतज्वर का टीका |
➞ नोट :-
टीका | आविष्कार |
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पोलियो का टीका | साल्क व साबिन |
रेबिज का टीका | लूई पाश्चर |
खसरे का टीका | मोरिस हिलमेन |
चेचक का टीका | एडवर्ड जेनर |
पीतज्वर का टीका | मेक्स थीलर |
➤ प्रोटोजोआ जनित रोग :-
रोग | रोग कारक | प्रभावित अंग | वाहक/रोग वाहक | अन्य नाम | जाँच/औषधि/टीका |
---|---|---|---|---|---|
अमीबीय दस्त | एन्ट अमीबा हिस्टोलाइटिका | बड़ी आंत | – | अमीबायोसिस, पेचिश, अतिसार | – |
निंद्रा रोग | ट्रिपनोसोमा गेम्बिएंस | मस्तिष्क | सी-सी मक्खी | सोने की बीमारी, अफ्रिकन स्लिपिंग सिकनेस | – |
मलेरिया | प्लाज्मोडियम | – RBC – यकृत व प्लीहा | मादा एनाफिलीज मच्छर | शीतज्वर | – RAPID Test – कूनैन औषधि |
काला जार | लिश्मानिया डोनोवानी | यकृत व प्लीहा | बालू मक्खी | दमदम बुखार | – |
पायरिया | एन्टअमीबा जीन्जीवेलिस | दांत | – | – | – |
➞ नोट :-
• मलेरिया की खोज → सर रोनाल्ड रॉस
• मलेरिया (प्लाज्मोडियम) की सबसे खतरनाक/घातक प्रजाति → प्लाज्मोडियम पेल्सीफेरम
• मलेरिया दिवस → 25 अप्रैल
• मलेरिया उन्मूलन हेतु –
• रासायनिक उपाय → DDT का छिड़काव
• जैविक उपाय→गेम्बुसिया मछली
• DDT → डाई क्लोरो डाई फेनाइल ट्राई क्लोरो इथेन
➤ कृमि जनित रोग :-
- टीनिएसिस –
• रोगकारक → टीनिया सोलियम कृमि
• यह रोग सुअर का कच्चा एवं अधपक्का मांस खाने से होता हैं। - नारू रोग –
• रोगकारक → ड्रेकन कूलस कृमि
• प्रभावित अंग → त्वचा - फाइलेरिया –
• रोगकारक → वाउचेरेरिया बेन्क्रोफ्टाई
• प्रभावित अंग → लसिका तंत्र
• रोगवाहक → मादा क्यूलैक्स मच्छर
अन्य नाम –
• हाथी पांव
• फील पांव
• एलिफेन्टिएसिस
• श्लीपद
• उपचार हेतु → शल्य क्रिया - एन्टीरोबिएसिस/चुना रोग –
• रोगकारक → एन्टीरोबिया कृमि
• इस रोग में मीठा खाने पर गुदा द्वार पर खुजली चलती हैं।
➤ कवक/फफूँद जनित रोग:-
♦ Trick :-
• गंगू एथलीट खाएँ दाल दमादम
• गंगू → गंजापन
• एथलीट → एथलीट फूट/मदूरै फूट
• खाएँ → खाज/खुजली
• दाल → दाद/रिंगवर्म
• दमादम → दमा/अस्थमा
❖ आनुवांशिक रोग :-
- वर्णान्धता –
• अन्य नाम → डाल्टोनिज्म
• कारण → X – गुणसूत्र पर अप्रभावी जीन
• वाहक → मादा
• इसमें रोगी, रंगो में विभेद नहीं कर पाता है
• प्राथमिक रंग → लाल, नीला व हरा
• सर्वाधिक प्रभावित रंग → लाल व हरा - हीमोफीलिया –
• अन्य नाम → ब्लीडर्स/शाही रोग
• कारण → X – गुणसूत्र पर अप्रभावी जीन
• वाहक → मादा
• इसमें रोगी के चोट लगने पर रक्त का थक्का नहीं बनता हैं। - क्लाईन-फेल्टर सिन्ड्रोम –
• गुणसूत्र → 44 + XXY = 47
• X – गुणसूत्र की ट्राईसोमी (पुनरावर्ती) - टर्नर सिन्ड्रोम –
• गुणसूत्र → 44 + XO = 45
• X – गुणसूत्र की मोनोसोमी - पटायू सिन्ड्रोम –
→ गुणसूत्र –
• नर → 45 + XY = 47
• मादा → 45 + XX = 47
→ 13वीं जोड़ी के गुणसूत्र की ट्राईसोमी - एडवर्ड सिन्ड्रोम –
→ गुणसूत्र –
• नर →45 + XY = 47
• मादा → 45 + XX = 47
→ 18वीं जोड़ी के गुणसूत्र की ट्राईसोमी - डाऊन सिन्ड्रोम/मंगोलिज्म/मंगोलमूर्खता –
→ गुणसूत्र –
• नर → 45 + XY = 47
• मादा → 45 + XX = 47
→ 21वीं जोड़ी के गुणसूत्र की ट्राईसोमी - जैकब्स सिन्ड्रोम –
• नर → 44 + XYY
• मादा → 44 + XXX
• इस सिन्ड्रोम वाले रोगी अपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं।
• इस रोग को सुपर मेल व सुपर फीमेल भी कहते हैं।
❖ तत्त्व/प्रदूषण जनित रोग :-
• पारा की अधिकता → मिनीमाटा रोग
• कैडमियम की अधिकता → इटाई-इटाई रोग (आउच-आउच रोग)
• आर्सेनिक की अधिकता → ब्लैक फूट रोग
• पेयजल में नाइट्रेट की अधिकता → ब्लू बेबी सिन्ड्रोम
• आयरन –
• कमी → एनिमिया
• अधिकता → सिडेरोसिस
• फ्लोराइड –
• कमी → दंत क्षरण
• अधिकता → फ्लोरोसिस (दाँतो का पीलापन)
• सिलिका की अधिकता → सिलिकोसिस