तत्व, योगिक व मिश्रण (elements, compounds and mixtures)

रसायन विज्ञान की दुनिया में तत्व, योगिक और मिश्रण (elements, compounds and mixtures) तीन महत्वपूर्ण आधारभूत अवधारणाएँ हैं, जो हमारे आसपास की हर वस्तु को समझने में मदद करती हैं। तत्व, प्रकृति के शुद्धतम रूप होते हैं, जिनमें केवल एक ही प्रकार के परमाणु पाए जाते हैं। योगिक, दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोजन से बने होते हैं, जो एक नई संरचना और गुणधर्म उत्पन्न करते हैं। मिश्रण बिना किसी रासायनिक बंधन के तत्वों और योगिकों का मेल होता है |

❖ तत्व (Elements) :-

  • पदार्थ की शुद्धतम अवस्था
  • समान परमाणुओं से मिलकर बनता है।
  • वर्तमान में कुल ज्ञात तत्त्व → 118
  • प्राकृतिक तत्त्व → 94
  • कृत्रिम तत्त्व → 24
  • प्रथम प्राकृतिक तत्त्व → हाइड्रोजन
  • अंतिम प्राकृतिक तत्त्व → यूरेनियम
  • प्रथम कृत्रिम तत्त्व → टेक्नीशियम
  • धातु तत्त्वों की संख्या → 90
  • अधातु तत्त्वों की संख्या → 22
  • उपधातु तत्त्व की संख्या → 7
  • पृथ्वी पर सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्त्व → ऑक्सीजन

भूपर्पटी पर तत्त्वों की उपलब्धता का क्रम :-
O (ऑक्सीजन) > Si (सिलिकॉन) > Al (एल्युमिनियम) > Fe (आयरन) > Ca (कैल्सियम)

तत्वप्रतीकश्रेणीप्रतिशत (%)
ऑक्सीजनOअधातु46.6%
सिलिकॉनSiउपधातु27.7%
एल्युमिनियमAlधातु8.3%
आयरनFeधातु5.3%
कैल्सियमCaधातु3.7

❖ यौगिक (Compound) :-

  • दो या दो से अधिक तत्त्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग करके जिस शुद्ध पदार्थ का निर्माण करते है, यौगिक कहलाते है।,
  • उदाहरण :-
    CO, CO2, H2O, NH3, H2SO4
  • इसमेंं नये पदार्थ का निर्माण होता है।
  • इसके अव्यवी घटको को भौतिक विधियों द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है।
  • इन्हें केवल रासायनिक/वैधुत रासायनिक विधियों द्वारा अलग किया जा सकता है।

❖ मिश्रण (Mixture) :-

  • दो या दो से अधिक पदार्थो (तत्त्व व यौगिक) को किसी भी अनुपात में मिलाने से बना अशुद्ध पदार्थ मिश्रण कहलाता है।
  • उदाहरण :-
    वायु, बारूद, सीमेंट, मिश्रधातु, काँच व विलयन/घोल
  • इसके अवयवी घटकों भौतिक विधियों द्वारा अलग किया जा सकता है।

➤ मिश्रण के प्रथक्करण की विधियाँः-

  1. निस्यंदन→ बरसात के जल को भूमिगत जल में बदलना
  2. आसवन→ आसुत जल का निर्माण व शराब का निर्माण
  3. प्रभाजी आसवन→ पेट्रोलियम पदार्थों से पेट्रोल व डीजल को अलग करना
  4. क्रिस्टलीकरण→ समुद्री जल से नमक को अलग करना
  5. उर्ध्वपातन→ ठोस से सीधे गैस में बदलना (कपूर, नौसादर, आयोडीन, नेफ्थलीन व बेंजोइक अम्ल)
  6. क्रोमेटोग्राफी (वर्ण लेखन)→ अलग-अलग रंग की स्याही को अलग करना

➞ नोट :-
क्रोमेटोग्राफी में सिलिका जैल का उपयोग किया जाता हैं।
समुंद्री जल से नमक को वाष्पीकरण विधि से भी अलग किया जाता हैं।

मिश्रण

समांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण
वह मिश्रण जिसके प्रत्येक भाग में घटकों का वितरण एक समान हो वह मिश्रण जिसके प्रत्येक भाग में घटकों का वितरण असमान हो
जिसमें घटकों को नहीं पहचाना जा सकता है जिसमें घटकों को पहचाना जा सकता है
उदाहरण:
  • नमक/शक्कर + पानी
  • ऐल्कोहल + पानी
  • वायु
  • सीमेंट
  • रक्त + पानी
  • दूध + पानी
  • मिश्रधातु
  • बारूद
  • वास्तविक विलयन/घोल
उदाहरण:
  • पानी + तेल/घी/केरोसीन
  • पानी + मिट्टी
  • सल्फर + लौह चूर्ण
  • लौह चूर्ण + रेत
  • कोलायडी व निलम्बन विलयन

❖ विलयन/घोल (Solution)

विलयन/घोल

कम मात्राअधिक मात्रा
विलेय (Solute)विलायक (Solvent)

उदाहरण :-

  • यदि किसी विलयन में 80 ml पानी व 20 ml एल्कोहल हैं तो विलेय, विलायक व कुल विलयन की मात्रा होगी
    विलयन = 100 ml
    विलेय = 20 ml
    विलायक = 80 ml

❖ विलयन/घोल के प्रकारः-

कणों के आकार के आधार पर

  • वास्तविक विलयन
  • कोलाइडी विलयन
  • निलम्बन विलयन

❖ कोलाइडी विलयनः-

– इस विलयन में कणों का आकार 1nm-1000nm के बीच होता हैं।
– कोलाइडी विलयन 9 प्रकार के होते हैं परन्तु 8 प्रकार के ही बनते हैं।

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