बीजगणित (Algebra) गणित का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। यदि आप Army, SSC, बैंकिंग, रेलवे, या अन्य किसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो बीजगणित के सूत्र और उनकी सही समझ आपके स्कोर को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनमें बीजगणितीय सूत्रों का सीधा उपयोग होता है। इसलिए अगर आप इन सूत्रों को अच्छी तरह से समझते और याद रखते हैं तो आप न केवल समय बचा सकते हैं, बल्कि प्रश्नों को भी सटीकता से हल कर सकते हैं।
इस पोस्ट में हम बीजगणित के महत्वपूर्ण और उपयोगी सूत्रों से परिचित होंगे जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं।
❖ Algebric Formulas – बीजगणित सूत्र
- a2 – b2 = (a – b)(a + b)
- (a+b)2 = a2 + 2ab + b2
- a2 + b2 = (a – b)2 + 2ab
- (a – b)2 = a2 – 2ab + b2
- (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2ac + 2bc
- (a – b – c)2 = a2 + b2 + c2 – 2ab – 2ac + 2bc
- (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3 = (a + b)3 = a3 + b3 + 3ab(a + b)
- (a – b)3 = a3 – 3a2b + 3ab2 – b3
- a3 – b3 = (a – b)(a2 + ab + b2)
- a3 + b3 = (a + b)(a2 – ab + b2)
❖ द्विघात समीकरण
ax 2 + bx + c = 0, a ≠ 0
जहाँ ‘a’ और ‘b’ गुणांक हैं और ‘x’ एक चर है |
Discriminate (विविक्तर) को D से व्यक्त करते है |
D = b2 -4ac
❖ श्रीधराचार्य सूत्र

❖ मूलो की प्रकृति :-
विभेदक(Discriminant): D = b 2 – 4ac
- b 2 – 4ac > 0, मूल वास्तविक और असमान
– यदि D का मान पूर्ण वर्ग है – परिमेय
– यदि D का मान पूर्ण वर्ग नहीं है – अपरिमेय - b 2 – 4ac = 0, मूल वास्तविक एवं समान
- b 2 – 4ac < 0, मूल काल्पनिक
❖ द्विघात समीकरण के मूलों का योग एवं गुणनफल
द्विघात समीकरण ax 2 +bx+ c = 0 के लिए मूलों का योग एवं गुणनफल
मूलों का योग :-
α + β = -b/a
मूलों का गुणनफल :-
αβ = c/a
मूलों से द्विघात समीकरण :-
x 2 – (α + β)x + αβ = 0