DR. Manmohan Singh Passes Away : भारत के महान अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम श्रद्धांजलि

❖ Tribute to Dr. Manmohan Singh

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया | गुरुवार को उनकी सेहत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। AIIMS के विशेषज्ञों ने जानकारी दी कि डॉ. मनमोहन सिंह स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। अचानक चेतना की हानि होने के कारण उन्हें अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों के सभी प्रयासों के बावजूद भी रात के लगभग 10 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें “सबसे प्रतिष्ठित नेताओं” में से एक बताया। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, “जब डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैं और डॉ. मनमोहन सिंह जी नियमित रूप से बातचीत करते थे। हम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों सहित विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श करते थे। मैं दिल्ली आने पर उनसे मिलता था।”

“मैं देश की सेवा करने के लिए आया हूं, न कि अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए।” – Dr. Manmohan Singh

डॉ. मनमोहन सिंह: एक महान नेता, विचारक और अर्थशास्त्री

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को भारत के पंजाब (अब पाकिस्तान) के गाह गांव में हुआ। विभाजन के बाद उनका परिवार अमृतसर आ गया।

डॉ. सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

डॉ. सिंह ने 1950 के दशक में आर्थिक मामलों में शोधकर्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 1971 में उन्हें भारत सरकार का आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। इसके बाद वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

प्रधानमंत्री के रूप में योगदान

डॉ. सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण क्षेतों में कार्य किया।

  • आर्थिक उदारीकरण और सुधार लागू किए, जिसने भारत की GDP को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) जैसी योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन में मदद की।
  • भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझौता उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।

डॉ. सिंह का आर्थिक दृष्टिकोण

डॉ. सिंह को 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण की नीतियों को लागू किया, जिसने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया। उनकी नीतियां आज भी देश की आर्थिक प्रगति की रीढ़ मानी जाती हैं।

डॉ. सिंह ने हमेशा कहा कि एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था ही एक मजबूत राष्ट्र की आधारशिला होती है। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए निरंतर प्रयास किया।

एक सच्चे नेता

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी और ईमानदारी का प्रतीक रहा। उनकी विनम्रता और कार्यशैली ने उन्हें हर वर्ग के लोगों में अपना स्थान बनाया। वे हमेशा विवादों से दूर रहे और अपनी नीतियों और कार्यों से जवाब देते रहे। उनके शांत स्वभाव और विवेकपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें एक अद्वितीय नेता बनाया।

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