Army Study icon Image

By: Army Study

On: June 14, 2025

Follow

जैन धर्म – संस्थापक, तीर्थंकर एवं संगितियाँ || Jainism- Founder and Tirthankaras

Jainism- Founder and Tirthankaras: यह पोस्ट जैन धर्म के संस्थापक, प्रमुख तीर्थंकरों एवं विभिन्न जैन संगितियों की संक्षिप्त जानकारी प्रदान करती है। इसमें भगवान ऋषभदेव से लेकर महावीर स्वामी तक के योगदान, जैन धर्म के सिद्धांतों और ऐतिहासिक संगठनों का उल्लेख किया गया है। यह विषय विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है।

जैन धर्म –

✤ ऋषभदेव जी/आदिनाथजी :-

➤ जैन धर्म के संस्थापक व प्रथम तीर्थंकर।
➤ प्रतीक चिह्न – बैल
➤ 23वें तीर्थंकर – पार्श्वनाथजी
➤ प्रतीक चिह्न – सर्प

✤ महावीर स्वामी :-

➤ जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक।
➤ जैन धर्म के 24वें व अंतिम तीर्थंकर
➤ जन्म – 540 ई. पू. कुण्डग्राम (वैशाली) में ज्ञातृक क्षत्रिय वंश में।
➤ पिता – सिद्धार्थ
➤ माता – त्रिशला
➤ पत्नी – यशोदा
➤ पुत्री – प्रियदर्शना
➤ दामाद – जामिल
➤ प्रतीक चिह्न – सिंह
➤ 30 वर्ष की आयु में गृहत्याग किया।
➤ 12 वर्ष कठोर तपस्या की।
ज्ञानप्राप्ति – 42 वर्ष की आयु में जृम्भिक गाँव (बिहार) में ऋजुपालिका नदी के किनारे साल वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई।
➤ महावीर स्वामी ने प्राकृत भाषा में उपदेश दिये।
मृत्यु – 72 वर्ष की आयु में 468 ई.पू. पावापुरी (बिहार) में।

जैन धर्म के त्रिरत्न
1. सम्यक दर्शन
2. सम्यक ज्ञान
3. सम्यक चरित्र

➤ जैन धर्म का साहित्य आगम कहलाता है।
➤ जैन धर्म का पवित्र ग्रंथ – कल्पसूत्र (भद्रभाहू द्वारा रचित)।

✤ जैन धर्म की संगितियाँ –

संगतिवर्ष (ई. पू.)स्थानसंरक्षकअध्यक्ष
प्रथम संगिति300 ई. पू.पाटलिपुत्रचन्द्रगुप्त मौर्यस्थूलभद्र
द्वितीय संगितिछठी शताब्दीवल्लभी (गुजरात)श्रमाश्रवण

✦प्रथम संगिति के समय जैन धर्म दो भागों में विभाजित हो गया।

1. दिगम्बर – भद्रभाहू के अनुयायी
2. श्वेताम्बर – स्थूलभद्र के अनुयायी

Leave a Comment