Make In India अभियान के तहत भारतीय मेट्रो ने पिछले दशक में अभूतपूर्व प्रगति की है। आज देश का मेट्रो नेटवर्क 1,000 किमी से अधिक लंबा है और 11 राज्यों के 23 शहरों में फैला हुआ है। यह उपलब्धि भारत को चीन और अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाती है ।
✦ भारत की मेट्रो रेल क्रांति: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम
❖ PM मोदी ने किया 13 किमी Namo Bharat Corridor का उद्घाटन
5 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में ₹12,200 करोड़ से अधिक की मेट्रो परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
इनमें शामिल हैं:
- 13 किमी दिल्ली-गाज़ियाबाद-Meerut Namo Bharat Corridor का उद्घाटन
- 2.8 किमी दिल्ली मेट्रो फेज-IV का उद्घाटन
- 26.5 किमी ऋठाला-कुंडली सेक्शन का शिलान्यास, जो दिल्ली-हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा
इन परियोजनाओं के साथ भारत की मेट्रो प्रणाली 1 करोड़ से अधिक दैनिक यात्रियों को तेज़ और सुलभ यात्रा सुविधा प्रदान कर रही है।
❖ 75% घरेलू निर्माण: “Make In India” की सफलता
भारत सरकार ने “Make In India” पहल के तहत नए मेट्रो प्रोजेक्ट्स में कम से कम 75% मेट्रो कोच और 25% प्रमुख उपकरण घरेलू स्तर पर बनाने की अनिवार्यता रखी।
प्रमुख निर्माण हब:
- ब्रेकिंग सिस्टम: पलवल
- कपलर: नोएडा, चेन्नई
- बोगी: सावली (गुजरात)
- एसी सिस्टम: दिल्ली
- ड्राइवरलेस ट्रेन: बेंगलुरु (BEML)
- कोच निर्माण: अल्सटॉम (श्री सिटी), बॉम्बार्डियर (सावली), BEML (बेंगलुरु)
अब तक BEML ने 2,100 से अधिक मेट्रो कोच विभिन्न शहरों को सप्लाई किए हैं, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता और औद्योगिक क्षमता मजबूत हुई है।
✦ भारत की मेट्रो 10 वर्षों की मेट्रो विकास यात्रा:
| पैरामीटर | 2014 | 2025 |
|---|---|---|
| मेट्रो वाले राज्य | 5 | 11 |
| मेट्रो वाले शहर | 5 | 23 |
| दैनिक यात्री संख्या | 28 लाख | 1 करोड़+ |
| कुल दूरी (किमी) | 86,000 किमी | 2.75 लाख किमी |
पिछले 10 वर्षों में भारत की मेट्रो नेटवर्क लंबाई तीन गुना और यात्रियों की संख्या 2.5 गुना बढ़ी है।
✦ भारत की मेट्रो यात्रा के प्रमुख मील के पत्थर
| वर्ष | उपलब्धि |
|---|---|
| 1969 | मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट की शुरुआत |
| 1984 | कोलकाता में 3.4 किमी की पहली मेट्रो लाइन (Esplanade–Bhowanipur) की शुरुआत |
| 1995 | दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की स्थापना |
| 2002 | दिल्ली मेट्रो की पहली लाइन (Shahdara–Tis Hazari) का उद्घाटन |
| 2011 | बेंगलुरु की नाम्मा मेट्रो का पहला सेगमेंट तैयार |
| 2017 | चेन्नई मेट्रो का पहला भूमिगत खंड (Koyambedu–Nehru Park) |
| 2020 | कोच्चि मेट्रो का Phase-1 पूरा, थाईकूड़म–पेट्टा खंड का उद्घाटन |
| 2024 | कोलकाता में भारत की पहली अंडर-वॉटर मेट्रो सुरंग का उद्घाटन |
❖ आधुनिक तकनीकी प्रगति
- अंडरवॉटर मेट्रो: कोलकाता में हुगली नदी के नीचे एशिया की पहली मेट्रो सुरंग
- ड्राइवरलेस मेट्रो: दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन (2020) पर शुरुआत
- वॉटर मेट्रो: कोच्चि में 10 द्वीपों को जोड़ने वाली इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बोट सेवा
- ग्रीन इनिशिएटिव: सोलर पावर्ड स्टेशन, रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC)
❖ वैश्विक सहयोग और भविष्य की योजनाएँ
- DMRC अब बांग्लादेश में मेट्रो परियोजना का निर्माण कर रही है और जकार्ता, केन्या, सऊदी अरब, इज़राइल जैसे देशों को कंसल्टेंसी दे रही है।
- 2025 तक भारत का लक्ष्य दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनना है।
- बेंगलुरु, पुणे, ठाणे जैसी परियोजनाएँ शहरी परिवहन को नए स्तर पर ले जाएँगी।