Government officer attacks Army Colonel: कश्मीर में LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर फेंसिंग का एक ज़रूरी प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदारी सेना के कर्नल अंकुश चौधरी को दी गई थी लेकिन उन्होंने जब इस काम के लिए मंज़ूरी लेने की कोशिश की तो उन्हें एक सरकारी अधिकारी से झगड़ा झेलना पड़ा।
सेना और सरकारी अधिकारी के बीच झड़प की खबर ने सोशल मीडिया पर मचाई हलचल
कर्नल चौधरी एक इंजीनियर रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर हैं। हाल ही में पहलगाम में घुसपैठ की घटना के बाद LOC पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए बाड़ लगाने का काम शुरू किया गया। इसके लिए ज़मीन से जुड़ी कागज़ी प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए वे रक्षा संपदा विभाग (Defence Estate Office) के अधिकारी त्रियम सिंह के पास पहुंचे।
लेकिन जब ADEO त्रियम सिंह ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो कर्नल खुद उनके ऑफिस बात करने पहुंचे। बातचीत के दौरान मामला इतना बढ़ गया कि रिपोर्ट के मुताबिक ADEO ने कर्नल पर हाथ उठा दिया।
इसके बाद सेना के जवान अपने कमांडिंग ऑफिसर के साथ खड़े हो गए और अधिकारी को करारा जवाब दिया। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, और लोग सेना के समर्थन में उतर आए।
सेना के पूर्व अधिकारियों ने भी इस घटना पर नाराज़गी जताई। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों ने कहा –
“एक सैनिक के लिए उसका CO (कमांडिंग ऑफिसर) भगवान के जैसा होता है। कोई उसका अपमान करे, तो जवान चुप नहीं बैठते। CO अपने जवानों के लिए जान भी दे सकता है, और जवान भी उसके लिए जान लगा देते हैं।”
सेना के एक रिटायर्ड अफसर सुशील सिंह श्योराण ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि रक्षा संपदा विभाग कई बार बिना रिश्वत के ज़रूरी प्रोजेक्ट रोक देता है।
अब तक रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन इस घटना के बाद लोग मांग कर रहे हैं कि रक्षा से जुड़े कामों में देरी और भ्रष्टाचार को रोका जाए और सेना व सरकारी विभागों के बीच बेहतर तालमेल हो।