दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए मौजूदा RAW चीफ पराग जैन को PM नरेंद्र मोदी और अन्य VVIP की सुरक्षा जिम्मेदारी दी गई है। पराग जैन अब कैबिनेट सचिवालय में सचिव (सुरक्षा) के पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभालेंगे।
✦ RAW चीफ पराग जैन को क्यों मिली अतिरिक्त जिम्मेदारी
12 नवंबर 2025 को जारी आदेश के अनुसार, पराग जैन को RAW प्रमुख के साथ-साथ सचिव (सुरक्षा) बनाया गया है। यह पद कुछ समय से खाली था। दिल्ली कार ब्लास्ट (Delhi car blast) के बाद सरकार ने इसे तुरंत भरने का फैसला किया। यह पद बहुत संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि इसके तहत स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का प्रशासनिक नियंत्रण आता है, जो प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा करता है।
✦ RAW चीफ के रूप में पराग जैन की नियुक्ति
केंद्र सरकार ने पराग जैन को 01 जुलाई 2025 में भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी RAW (Research and Analysis Wing) का नया प्रमुख नियुक्त किया था। पराग जैन 1989 बैच के पंजाब कैडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी है। उन्होंने रवि सिन्हा के स्थान पर ये पदभार संभाला। उन्हें यह पद दो वर्षों के कार्यकाल के लिए सौंपा गया है।
✦ RAW चीफ पराग जैन की एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) में भूमिका
RAW प्रमुख बनने से पहले पराग जैन एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) का नेतृत्व कर रहे थे। ARC भारत की सबसे गोपनीय खुफिया इकाइयों में से एक है, जो हवाई निगरानी और तकनीकी इंटेलिजेंस से जुड़ी सूचनाएं जुटाती है। उनके नेतृत्व में ARC ने कई संवेदनशील मिशनों में अहम योगदान दिया।
✦ RAW चीफ का ऑपरेशन सिंदूर में अहम योगदान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पराग जैन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए थे। इन हमलों से पहले आतंकी ठिकानों और पाकिस्तानी सैन्य गतिविधियों से जुड़ी सटीक खुफिया जानकारी जुटाने में ARC और पराग जैन की भूमिका निर्णायक मानी जाती है।
✦ आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ के रूप में पहचान
पराग जैन को एक आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। खासकर अफगानिस्तान–पाकिस्तान क्षेत्र में सीमा पार आतंकवाद और आतंकी नेटवर्क को समझने में उनकी विशेषज्ञता मानी जाती है। यही वजह है कि उन्हें RAW जैसे महत्वपूर्ण संगठन की कमान सौंपी गई है।
पराग जैन ने कनाडा और श्रीलंका में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। कनाडा में रहते हुए उन्होंने वहां सक्रिय खालिस्तानी नेटवर्क को लेकर केंद्र सरकार को समय रहते सतर्क किया था। यह अनुभव उन्हें अंतरराष्ट्रीय खुफिया मामलों में और मजबूत बनाता है।